Friday, June 26, 2009

कपड़ों के लपड़ों में मत पड़ो गुरु

ब्लोग जगत में कपड़ों को लेकर बवाल मचा हुआ है गुरु। हर दूसरा ब्लोगर न जाने क्यों महिलाओं के कपड़ों के पीछे पड़ा है गुरु। अब अपने ब्लोगर मित्र हमारा हिन्दुस्तान वाले कासिफ आरिफ की बात ले ले। बिना वजह महिलाओं से पंगा लेने का काम कर रहे हैं। कुछ समय पहले राजतंत्र वाले राजकुमार ग्वालानी ने भी ऐसा ही पंगा लिया था। अरे गुरु किसी भी महिला से पंगा लेने का नई है। पंगा उनसे लेना चाहिए जिनसे पंगा लेने से कोई फायदा हो। महिलाओं से पंगा लेकर भला कौन जीत है आज तक। कौन सी महिला साड़ी या फिर जिंस को नाभि के नीचे पहनती है इससे तुम्हें क्या लेना-देना है गुरु। उसको अगर अपनी नाभि दिखाने में इतराज नहीं है तो फिर तुमको क्यों है गुरु। सबका अपना शरीर है, अपने शरीर को दिखाने में उसको परेशानी नहीं है तो तुम क्यो ंदुबले हो रहे हैं। सॉरी... सॉरी.. दुबले नहीं परेशान। क्या मालुम दुबले कहने से किसी गुरु या फिर गुरुआनी को बुरा लग जाए। कहने का मतलब यह है गुरु कि कोई अगर बिना कपड़ों के भी घुमने की इच्छा रखता है तो तुम कौन होते हो उसको कपड़े पहनने की सलाह देने वाले। फ्री की सलाह लेना कोई पसंद नहीं करता है गुरु इस बात को गांठ में बांध लो और रजाई होढ़कर सो जाओ ताकि किसने क्या पहना है तुमको दिखे ही नहीं। अगर रजाई नहीं होढऩी है तो रास्ते में निकलने से पहले आंखों पर न देखने का पर्दा डाल लिया करो। बाकी सारे गुरु समझदार हंै, अपनु को तो बस इतना ही कहने का है कि किसी भी कपड़े-सपड़े के लफड़े में न पडऩे का रे बाबा..।

1 comments:

काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arif said...

आपने सही कहा लेकिन इस्लाम में हमें एक बात सिखायी गयी है वो यह की अगर कोई गलत कर रहा है तो उसे हाथ से रोको, अगर हाथ से नही रोक सकते तो ज़बान से बुरा कहो और अगर ज़बान से भी नही कह सकते तो दिल मे बुरा कहों

मैं ज़बान से कह सकता था तो कह दिया आगे वो जाने और उनका काम जाने...मैने अपना फ़र्ज़ अदा कर दिया


WORD VERIFICATION ह्टा दे तो बेहतर होगा