Thursday, September 3, 2009

मैंने भी मारी दी सेंचुरी

ब्लोग जगत में आने के बाद मैंने लिखने में तो कमाल नहीं किया है, पर टिपियाने में जरूर कमाल कर दिखाया है। मैंने एक ब्लोग राजतंत्र पर, जिसका मैं शुरू से ही प्रशंसक रहा हूं उसमें टिप्पणी करने में सेंचुरी पूरी कर दी है। ज्यादा समय न मिलने के कारण लिखने में परेशानी होती है, पर पढऩे का समय निकाल ही लेता हूं। जो ब्लोग मुझे भाते हैं, उन ब्लोग पर मैं जरूर जाता हूं, टिपियाने का भी प्रयास करता हूं। बहुत समय से कोशिश कर रहा हूं कि मैं भी कुछ लिखने की हिम्मत दिखाऊं और सबकी तरह लंबी-लंबी हांकने का काम करूं। पर क्या करूं जब भी हांकने के लिए सोचता हूं कोई न कोई काम आ जाता है। अब इस छोटी की पोस्ट की ही बात लो, सोचा था जब टिपियाने की सेंचुरी पूरी होगी तभी लिख दूंगा, पर नहीं लिख सका। आज सोचा चलो गुरु इस काम को तो निपटा ही लो, नहीं तो यह भी लटकन बन जाएगा, उसी तरह से जैसे दिमाग में आए कई विषय लटकन बने हुए हैं।